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वनवासी कार्य की योजना
वनवासी क्षेत्र में अशिक्षा तथा धर्मान्तरण की विशेष समस्या है | वनांचल में निवास करने वाले वनवासी बंधू के सर्वांगीर्ण विकास के लिए संस्कार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वावलंबन हेतु विद्या भारती द्वारा प्रांत में कार्य करने के लिए भाउराव देवरस सेवा न्यास का गठन किया गया है | न्यास द्वारा निशुल्क सरस्वती एकल विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है | न्यास के उक्त्त कार्य बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, रायसेन जिलों में संचालित किये जा रहे हैं |
न्यास द्वारा किये जा रहे कार्य
- ६१० सरस्वती एकल आचार्य विध्यालय
- १० जनजातीय छात्रावास
- ५००० लाभान्वित भैया / बहिन संख्या
- ६१० आचार्य
विविध कार्यक्रम
- हरियाली अमावस्या
- गुरु पूर्णिमा उत्सव
- श्री गणेश उत्सव
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
- भजन मंडल
- मकर संक्रांति
रामकथा आयोजन
रायसेन जिले के गोरखपुर वनवासी ग्राम में पंडित श्याम स्वरुप जी महाराज की सात दिवसीय राम कथा का आयोजन हुआ |जिसमें लगभग ३५०० वनवासी बंधुओं ने अपार श्रद्धा के साथ पुण्य लाभ लिया |
वनदर्शन यात्रा
दिनांक २७-२८ नवम्बर २०१० को लगभग १५० चयनित ग्रामों में वनदर्शन कार्यक्रम आयोजित हुआ | विद्याभारती का कार्य वनवासी क्षेत्र में पहुंचे एवं शहरी बंधुओं के मन में वनवासी बंधुओं के प्रति संवेदनाएँ जाग्रत हों , वनवासियों की जीवन - चर्या व जीवन स्तर की अनुभूति प्रत्यक्ष ग्रामों में जाकर उनके बीच में दो दिन रूककर प्राप्त की गई | वहां के जनजीवन में व्याप्त अभाव से प्रभावित होकर के वन यात्रा में सम्मिलित होने वाले कार्यकर्ताओं ने १२२ सरस्वती संस्कार केंद्र गोद लेने का संकल्प लिया जिसका अनुमानित व्यय १५-१५ हजार रुपये प्रस्तावित है |
वनदर्शन कार्यक्रम एक दृष्टी में (१५० चयनित ग्रामों )
- सहभागी आचार्य, प्रधानाचार्य संख्या २३४
- महिला आचार्यों की संख्या ४७
- प्रबंध समिति के सदस्यों की संख्या ८६
- अभिभावक एवं सहयोगी कार्यकर्ता १२०
- प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी संख्या १६
- वनवासी क्षेत्र के प्रवासी कार्यकर्ता ८७
- केंद्र आचार्य की संख्या ८४९
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