विद्यालय का संस्कार पक्ष
(1) प्रान्त द्वारा निर्धारित गणवेश का पालन हो- (भैया/बहिन एवं आचार्य/दीदी के लिये)
- गणवेश से समझौता नहीं करना चाहिए।
- बहिनों की दो चोटी होना चाहिए।
- गणवेश फैशन के लिये नहीं होना चाहिए, अपितु इसके लिये मन में गौरव का भाव हो।
(2) प्रबंध समिति सदस्यों का विद्यालय समय या समिति बैठक/ कार्यक्रम में शुभ्रवेश का आग्रह।
(3) समय पालन का कठोरता से पालन हो। (बैठक या कार्यक्रम के प्रारम्भ में) यह हमारी कार्यपद्धति है।
(4) विद्यालयीन कार्यक्रम में मंच पर प्रधानाचार्य एवं समिति का एक पदाधिकारी बैठे।
(5) प्रधानाचार्य/आचार्य/समिति कार्यकर्ता व्यसन न करें इसका भी कठोरता से पालन करें।
(6) विद्यालय समय में सभी के मोबाइल स्विच पूर्णतः प्रतिबंधित हों। प्राचार्य का मूक रहे। इसकी ठीक व्यवस्था क्या हो सकती हैं, विचार करें।
(7) कभी भी किसी अन्य कार्य के लिए विद्यालय का शैक्षणिक कार्य प्रभावित नहीं करना चाहिए।
(8) प्रधानाचार्य का आचार्य के प्रति एवं आचार्य का भैया/बहिनों के प्रति समानता का भाव हो। हम सबके विकास के प्रति जवाबदेह हैं।
(9) प्राचार्य/पारी प्रभारी/पी.आर.ओ./काउन्सलर, भैया/बहिनों को समझने का प्रयास करें। इसलिये उनका आपसी परिचय हो। इसके अवसर खोजना चाहिये।