सरस्वती विद्या मंदिर,नरेला बैरसियाविद्याविहार नरेला, बैरसिया
संपर्क - प्राचार्य , श्री गोविन्द कारपेंटर 9425663903
कक्षा ६ से 10 तक
विद्या विहार एक परिचय शांत एवं सुरम्य प्राकिृतिक वातावरण में स्थित विद्या विहार आवासीय विद्यालय देष के प्रमुख आवासीय विद्यालयों में से एक है। इस विद्यालय की स्थापना 1988 में मा. श्री शरद् जी मेहरोत्रा , माननीय सौदान सिहं जी बघेल, माननीय उत्तमचंद जी ईषराणी, माननीय बिहारीलाल जी के द्वारा की गई । बच्चे असीम प्रतिभा के धनी होते है, उनकी प्रतिभा को निखारने का मतलब है आने वाली पीढ़ी को रचनात्मक एवं कौषालत्मक बनाना । यहाॅ अध्ययनरत् छात्र जो आज भारत ही नही वि'श्व के कई देशों में अपने विद्यालय का नाम रोषन कर रहे है। विद्यार्थियों को उन्नति के षिखर पर ले जाने का व सर्वागीण विकास की परिकल्पना को साकार करने का विद्या विहार अथक प्रयास करता है गुरूकुल षिक्षा पद्धति से संस्कारित , प्रखर एवं उत्कृष्ट नेतृत्व करने वाले पुरूषार्थी युवको का निर्माण कर समाज की कुरूतियों को दूर करते हुए उनमें वांछित परिवर्तन लाने के उद्देष्य से अर्जुन षिक्षा समिति द्वारा नगरीय कोलाहल से दूर सभी प्रकार के प्रदूषण से रहित स्वास्थयवर्धक , लगभग 13 एकड़ में फैला यह विषाल परिसर देष के हृदय स्थल भोपाल से 40 कि.मी भोपाल गुना बस मार्ग पर बैरसिया नगर से 3 कि.मी. दूर स्थित है
यह विद्यालय विद्या भारती अखिल भारतीय षिक्षा संस्थान के मार्गदर्षन में सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्यप्रदेष भोपाल के निर्देषन में तथा अर्जुन सिहं षिक्षा समिति द्वारा संचालित है। माध्यमिक षिक्षा मण्डल के पाठ्यक्रम के साथ बालकों के सर्बागीण विकास के लिए अन्य विषयों एवं कार्यक्रमों को इस विद्यालय में औपचारिक एवं अनौपचारिक रूप से विषिष्ट स्थान प्राप्त है।
प्रथम प्रवास,
तात्कालीन क्षेत्र प्रचारक मा. बाबा साहब नाथू तात्कालीन प्रचारक मा. शरद जी महरोत्रा का प्रथम प्रवास संस्थान में हुआ।
संस्थान को प्रारंभ करने की प्रथम बैठक श्री चंदर सिंह जी राजपूत के निवास पर हुई। जिसमे श्री चंदर सिंह जी राजपूत ने अपने पुत्र स्व. कुॅवर अर्जुन सिंह की स्मृति में 7.5 एकड भूमि संस्था को दान स्वरूप प्रदान की।
भूमि प्राप्त होने के पश्चात् 1988 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य भारत प्रांत के द्वारा प्रथम वर्ष षिक्षण हेतु संस्था में अंग्रेजी खपरेल व लकडी के द्वारा तीन भवनो का निर्माण किया गया । प्रथम वर्ष षिक्षण समाप्त होने के पष्चात इन तीन भवनो मे विद्यालय प्रारम्भ किया गया। विद्याालय में षिषु कक्षाएॅ प्रारम्भ की गयी।
प्रथम प्रधानाचार्य:- श्री ऋषिपाल जी आर्य
प्रथम आचार्य :- श्री नारायण सिंह राजपूत, श्रीमती निर्मला पुरेहा
वर्तमान प्राचार्य :- श्री गोेविन्द कारपेन्टर
सत्र 1995 में श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी के करकमलो से 40 भैयाओ की षिक्षा व रहने की व्यवस्थानुसार छात्रावास का लोकार्पण किया गया ।
सांसद सुश्री उमाभारती जी एवं सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज जी द्वारा संस्थान के भव्य आर्कषक सुन्दर द्वार का लोकार्पण किया गया।
संस्थान मे जल व्यवस्था हेतु मा. लक्ष्मीनारायण शर्मा के प्रयासो से श्री राजेन्द्र शर्मा पत्रकार द्वारा अपनी माता जी की स्मृति में कुॅए का निर्माण कराया गया। 4-5 एकड भूमि संस्थान के द्वारा क्रय की गयी।
विद्यालय की पावन भूमि है जहाॅ विभिन्न आयोजन के अवसर पर साधु संत व महानुभावो का आगमन हुआ माननीय अटल विहारी बाजपेयी का भ्रमण, श्रद्देय संत श्री अखण्डानंद जी महाराज आदि अनेक तवस्वी महानुभावो के चरण कमलो ने इस भूमि को पवित्र किया है।
उपलब्धियाॅ :-सत्र 2015-16 में 6 कक्षा कक्षो का निर्माण अध्यन अध्यापन की दृष्टी से पूर्ण विकसित है।
3 कर्मचारी आवास का निर्माण किया गया।
तकनीकी की दृष्टी से विद्यालय के सभी कक्षो में ब्ण् ब्ण् ज्ण् टण् केमरो की व्यवस्था की गई
समस्त कक्षा के भैया बहिनो का बैरसिया से 100 कि. मी. के आसपास निः शुल्क शैक्षणिक यात्राओं का आयोजन किया गया ।
प्रतियोगी परीक्षाओ की दृष्टि से कक्षा 6. 7. 8. 9. एवं 11 में वस्तुनिष्ठ परीक्षा का आयोजन किया गया।
विद्याालय एवं छात्रावास परिसर में उद्यान विकसित किये गये।
प्रषासनिक क्षेत्र में 02 चिकित्सा क्षेत्र में 07 इंजीनियरिंगक्षेत्र में 12 थलसेना - 12 राजनेता - 15 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक 01 उत्कृष्ट किसान ; जैविक कृषि करने वाले द्ध 52
2015 में विभागीय ; भोपाल द्ध नवीन आचार्य प्रषिक्षण वर्ग सम्पन हुआ।
2015 में जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता सम्पन हुई।
2015 में विद्यालीयन 04 बहिन ने सरहद प्रणाम कार्यक्रम मे भाग लिया।
19 फरवरी 2016 को समस्त भैया बहिनो का कक्षा 12 के भैया बहिनो के दीक्षंात समारोह में सहभोज का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके मुख्य अतिथि अनुविभागीय अधिकारी श्री आषीष भार्गव थे।
सत्र 2014-15 में हायरसेकेण्ड्री का बोर्ड परीक्षा में भैया कुलदीप दांगी ने 80.6 प्रतिशत अंक एवं कक्षा दषम् मे बहिन तनवी जैन ने 91 प्रतिशत अंक प्राप्त किये।