१. अखिल भारतीय संस्कृत ज्ञान परीक्षा
यह परीक्षा 1980 से विद्या भारती के कुरुक्षेत्र केंद्र से संचालित की जाती है. इसके माध्यम से छात्रों को भारतीय संस्कृति, धर्म, इतिहास, पर्वों, तीर्थस्थलों, पवित्र नदियों-पर्वतों एवं राष्ट्रीय महापुरुषों की जानकारी अत्यंत रोचक एवं सहज रूप में प्राप्त हो जाती है. इस योजना का लाभ विद्या भारती के अतिरिक्त अन्य विद्यालयों के छात्र, अध्यापक, माता-पिता आदि सर्वसाधारण लोग प्राप्त कर रहे हैं. भारतीय संस्कृति एवं राष्ट्रीय एकता को पुष्पित एवं पल्लवित करने में यह योजना पोषक सिद्ध हो रही है. इस वर्ष 2012 में अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में ....................... लाख से अधिक छात्र सम्मिलित हुए हैं. यह संख्या प्रति वर्ष बढ़ रही है.
२. संस्कृत ज्ञान परीक्षा (आचार्यों के लिए)
आचार्यों हेतु भी संस्कृति ज्ञान परीक्षा प्रवेशिका, मध्यमा, उत्तमा एवं प्रज्ञा इन चार स्तरों पर आयोजित के जाती है जिससे कि आचार्यों को भी उपर्युक्त विषयों का ज्ञान हो सके. सामान्यतया प्रचलित शिक्षा प्रणाली से निकले हुए युवक अपने धर्म, संस्कृति, इतिहास आदि विषयों के सामान्य ज्ञान में भी शून्य होते हैं. उनके विकास में यह योजना प्रभावी सिद्ध हो रही है.
३. प्रश्न मंच कार्यक्रम
प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर के अलग-अलग समूहों के लिए प्रश्न मंच कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर तक आयोजित किया जाता है. यह अत्यंत रोचक कार्यक्रम होता है, जिसके माध्यम से छात्र अपनी पुण्य भूमि भारत, इतिहास एवं सांस्कृतिक विषयों का परिचय सहज रूप से प्राप्त कर लेते हैं.
४. निबंध प्रतियोगिता
यह कार्यक्रम अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित किया जाता है. इसका आयोजन प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च स्तर माध्यमिक स्तर के छात्रों एवं आचार्यों के लिए अलग-अलग होता है. अपने-अपने समूह में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार दिए जाते ह
ैं. निबंध के विषय भी पुण्य भूमि भारत, इतिहास, ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र के महापुरुष एवं भारतीय संस्कृति से सम्बंधित होते हैं.
संस्कृति बोध परियोजनाविश्व में प्रत्येक देश अपनी संस्कृति, परम्पराओं, जीवन मूल्यों, ज्ञान-विज्ञान एवं महापुरुषों के अनुभवों को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में भावी पीढ़ी को शिक्षा के माध्यम से सौंपने का प्रयास करता है। भारत की महान् आध्यात्मिक संस्कृति, श्रेष्ठ परम्पराएं, जीवन मूल्य, महापुरुषों के आदर्श जीवन-चरित्र तथा यहाँ का ज्ञान-विज्ञान इस देश की ही नहीं, विश्व की अमूल्य-निधि माने जाते हैं। परन्तु वर्तमान भारतीय शिक्षा पद्धति द्वारा अपनी इस अप्रतिम राष्ट्रीय निधि को भावी पीढ़ी को सौंपना तो दूर रहा, उससे परिचित कराने का कार्य भी नहीं हो पा रहा है। परिणामतः राष्ट्रीय स्वाभिमान-शून्यता एवं विदेशी संस्कृति के अन्धानुकरण की प्रवृत्ति छात्रों में बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। हमारी यह दृढ़ मान्यता है कि यदि हमारे छात्रों को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के साथ अपनी महान उज्ज्वल संस्कृति, गौरवपूर्ण इतिहास, महापुरुषों के जीवन-चरित्र, श्रेष्ठ राष्ट्रीय परम्पराओं का परिचय कराया जाए तो आज के निराशापूर्ण वातावरण में भी आशा की किरण उत्पन्न होकर विद्यार्थी जगत में अपेक्षित परिवर्तन दिखाई देगा। इस निमित्त विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के द्वारा संचालित मुख्य गतिविधियाँ अग्रलिखित हैं: -
1. संस्कृति बोध परियोजनाo संस्कृति ज्ञान परीक्षा
o संस्कृति ज्ञान प्रश्नमंच
o निबन्ध लेखन प्रतियोगिता (छात्रों की)
o निबन्ध लेखन प्रतियोगिता (आचार्यों की
o आचार्य संस्कृति ज्ञान परीक्षा(प्रवेशिका, मध्यमा, उत्तमा)
o अखिल भारतीय प्रज्ञा परीक्षा
2. चित्र व साहित्य प्रकाशन एवं शैक्षिक सी.डी. आदि का निर्माण।3. ज्ञान-विज्ञान मेला
विज्ञान प्रदर्शनी, प्रश्न मंच तथा विषय प्रस्तुति (पत्र वाचन) संस्कृति ज्ञान, प्रश्नमंच, विषय प्रस्तुति, वैदिक गणित प्रश्नमंच, पत्र वाचन आदि।
4. विचार गोष्ठियों एवं शोध गोष्ठियों का आयोजन।
5. संगीत केन्द्र, संगीत आचार्य प्रशिक्षण एवं कला पर्व का आयोजन।
6. संवेदनशील एवं उपेक्षित क्षेत्रों में शिक्षा प्रसार के लिए आर्थिक सहायता करना।
7. लेह(लद्दाख) संस्कृति केंद्र का संचालन