आचार्य सुरक्षा न्यास
सरस्वती विद्यालय प्रतिष्ठान से सम्बद्ध विद्यालयों के आचार्य एवं कर्मचारियों के हितो को ध्यान में रखते हुए 'आचार्य सुरक्षा न्यास' का गठन किया गया है | यदि किसी आचार्य / कर्मचारी का सेवाकाल में ही निधन हो जाता है या कार्य में पूर्णत: अक्षम हो जाता है तथा वह न्यास की योजना का सदस्य है तो न्यास की ओर से उसके परिजनो को २५,००० /- रूपए की सहायता देने का प्रावधान है | इस हेतु सदस्यता शुल्क राशी ८०० /- रूपए (आचार्य से ४००/- एवं प्रबंध समिति ४००/- ) भेजकर इसकी सदस्यता प्राप्त की जा सकती है |
सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान परिवार कल्याण कोष
सत्र २०१०-११ से प्रधानाचार्य, पूर्णकालिक कार्यकर्ता एवं प्रतिष्ठान के वैतनिक कार्यकर्ताओं के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाए बनाई गई है | इसमें ५ रूपए प्रति बालक विद्यालय से प्रांतांश लिया जाता है |
विद्यालय परिवार कल्याण कोष
समस्त आचार्य एवं शिशु मंदिर योजना से जुड़े अन्य कार्यकर्ताओं के लिए विद्यालय परिवार कल्याण कोष की स्थापना की गई है |
|
भाऊराव देवरस सेवा न्यास मध्यप्रदेश
वनवासी क्षेत्र में अशिक्षा तथा धर्मान्तरण की विशेष समस्या है | वनांचल में निवास करने वाले वनवासी बंधू के सर्वांगीर्ण विकास के लिए संस्कार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वावलंबन हेतु मध्यभारत प्रांत में कार्य करने के लिए भाउराव देवरस सेवा न्यास का गठन किया गया है |
न्यास द्वारा वर्तमान में 610 निशुल्क सरस्वती एकल विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है |
न्यास के उक्त्त कार्य बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, रायसेन, अलीराजपुर जिलों में संचालित किये जा रहे हैं|
झुग्गी झोपड़ी व पिछड़ी बस्तियों में भैया- बहनों के संस्कार के लिए केंद्र संचालित हैं । इन केन्द्रों के संचालन में प्रति केंद्र लगभग १० हजार रूपए वार्षिक व्यय आता है । प्रान्त में वर्तमान में 241 संस्कार केंद्र संचालित है .
भाउराव देवरस सेवा न्यास द्वारा दूरस्थ वनांचलों में एकल शिक्षक विद्यालय चलाए जा रहे हैं । इन केन्द्रों के संचालन में प्रति केंद्र लगभग १५ हजार रूपए वार्षिक व्यय आता है ।
प्रान्त में वर्तमान में 610 एकल विद्यालय संचालित है . यह विद्यालय बैतूल,हरदा,होशंगाबाद,रायसेन जिले में संचालित है.
जनजाति छात्रावास
भाउराव देवरस सेवा न्यास द्वारा चार आवासीय जनजातीय छात्रावास का संचालन भी किया जा रहा है। उक्त्त छात्रावासों में जनजातीय छात्रों के आवास, भोजन एवं शिक्षा की निःशुल्क व्यस्था की गई है।
भाउराव देवरस सेवा न्यास द्वारा 10 आवासीय जनजातीय छात्रावास का संचालन भी किया जा रहा है |उक्त्त छात्रावासों में जनजातीय छात्रों के आवास, भोजन एवं शिक्षा की निःशुल्क व्यस्था की गई है |
क्रमांक |
प्रकल्प का नाम |
छात्र |
छात्रा |
आचार्य |
1 |
रानी दुर्गावती बालिका छात्रावास,रायसेन |
0 |
135 |
5 |
2 |
जनजाति छात्रावास मटकुली, होशंगाबाद |
24 |
0 |
2 |
3 |
जनजाति छात्रावास कायदा, हरदा |
20 |
0 |
2 |
4 |
जनजातीय छात्रावास सिअरमऊ, जिला रायसेन |
40 |
0 |
4 |
5 |
बिरसा मुंडा छात्रावास ,ढाबा (भैसदेही) |
35 |
0 |
2 |
6 |
भारत भारती जनजातीय छात्रावास, बैतूल |
43 |
0 |
4 |
|
योग |
162 |
135 |
19 |
|
वनवासी क्षेत्र में अशिक्षा तथा धर्मान्तरण की विशेष समस्या है | वनांचल में निवास करने वाले वनवासी बंधू के सर्वांगीर्ण विकास के लिए संस्कार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वावलंबन हेतु विद्या भारती द्वारा प्रांत में कार्य करने के लिए भाउराव देवरस सेवा न्यास का गठन किया गया है | न्यास द्वारा निशुल्क सरस्वती एकल विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है | न्यास के उक्त्त कार्य बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, रायसेन जिलों में संचालित किये जा रहे हैं |
न्यास द्वारा किये जा रहे कार्य
- ६१० सरस्वती एकल आचार्य विध्यालय
- १० जनजातीय छात्रावास
- ५००० लाभान्वित भैया / बहिन संख्या
- ६१० आचार्य
विविध कार्यक्रम
- हरियाली अमावस्या
- गुरु पूर्णिमा उत्सव
- श्री गणेश उत्सव
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
- भजन मंडल
- मकर संक्रांति
रामकथा आयोजन
रायसेन जिले के गोरखपुर वनवासी ग्राम में पंडित श्याम स्वरुप जी महाराज की सात दिवसीय राम कथा का आयोजन हुआ |जिसमें लगभग ३५०० वनवासी बंधुओं ने अपार श्रद्धा के साथ पुण्य लाभ लिया |
वनदर्शन यात्रा
दिनांक २७-२८ नवम्बर २०१० को लगभग १५० चयनित ग्रामों में वनदर्शन कार्यक्रम आयोजित हुआ | विद्याभारती का कार्य वनवासी क्षेत्र में पहुंचे एवं शहरी बंधुओं के मन में वनवासी बंधुओं के प्रति संवेदनाएँ जाग्रत हों , वनवासियों की जीवन - चर्या व जीवन स्तर की अनुभूति प्रत्यक्ष ग्रामों में जाकर उनके बीच में दो दिन रूककर प्राप्त की गई | वहां के जनजीवन में व्याप्त अभाव से प्रभावित होकर के वन यात्रा में सम्मिलित होने वाले कार्यकर्ताओं ने १२२ सरस्वती संस्कार केंद्र गोद लेने का संकल्प लिया जिसका अनुमानित व्यय १५-१५ हजार रुपये प्रस्तावित है |
वनदर्शन कार्यक्रम एक दृष्टी में (१५० चयनित ग्रामों )
- सहभागी आचार्य, प्रधानाचार्य संख्या २३४
- महिला आचार्यों की संख्या ४७
- प्रबंध समिति के सदस्यों की संख्या ८६
- अभिभावक एवं सहयोगी कार्यकर्ता १२०
- प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी संख्या १६
- वनवासी क्षेत्र के प्रवासी कार्यकर्ता ८७
- केंद्र आचार्य की संख्या ८४९
|
माधव शिक्षा समिति रमझिरिया विद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों हेतु निम्न दो प्रकार की योजनाओं को रेखांकित करती है :-
परिषद द्वारा अनुशंसित योजनाएं
सरस्वती शिक्षा परिषद द्वारा अनुशंसित कर्मचारी कल्याण की सभी योजनाएं रमझिरिया विद्यालय में प्रारंभ से ही लागू हैं - 1. कर्मचारी भविष्य निधि योजना - कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सागर के नियमानुसार 2. कर्मचारी परिवार पेंशन योजना - कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सागर के नियमानुसार 3. कर्मचारी समूह बीमा योजना - भारतीय जीवन बीमा निगम जबलपुर एवं सरस्वती शिक्षा परिषद् जबलपुर के नियमानुसार 4. ग्रुप ग्रेच्युटी बीमा स्कीम - भारतीय जीवन बीमा निगम जबलपुर एवं सरस्वती शिक्षा परिषद् जबलपुर के नियमानुसार 5 अर्जित अवकाश-नगदीकरण - सरस्वती शिक्षा परिषद जबलपुर के नियमानुसार 6. प्राचार्य,प्रधानाचार्य आवास भत्ता - सरस्वती शिक्षा परिषद जबलपुर के नियमानुसार
विद्यालय द्वारा अनुशंसित योजनाएं
माधव शिक्षा समिति , संचालक सरस्वती शिशु मंदिर रमझिरिया ,सागर की समिति स्वेच्छा से इस विद्यालय के मूल कर्मचारियों के कल्याण की दृष्टि से नई-नई योजनाएं बनाकर उन्हे लागू करना चाहती है .यहां पर रेखांकित की गई योजनाओं की समीक्षा 10 वर्ष में अथवा आवश्यकतानुसार उसके पूर्व की जावे जिससे कल्याण की योजनाओं का अधिकतम लाभ कार्यरत कर्मचारियों को मिल सके . माधव शिक्षा समिति के सदस्यों, पदाधिकारियों तथा अन्य अधिकारियों एवं उनके घर के बच्चों को इन योजनाओं का लाभ कभी नहीं दिया जावेगा |
कर्मचारी कल्याण की योजनाओं का उद्देश्य
कर्मचारी कल्याण की योजनाओं का प्रमुख उद्देश्य कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान करना है .जिससे उनमें कर्तव्यनिष्ठा , गुणवत्तापूर्ण शिक्षण तथा संस्था के प्रति समर्पण भाव में विस्तार होगा .
सामान्य नियम
1. अधोलिखित योजनाओं का लाभ केवल विद्यालय में कार्यरत नियमित कर्मचारियों को ही प्राप्त होगा . 2. विद्यालय की आर्थिक स्थिति अनुरूप न होने की स्थिति में इन योजनाओं को स्थगित भी किया जा सकेगा. 3. किसी कर्मचारी के शिक्षकीय कार्य एवं समर्पण भाव में कमी ,अथवा कार्य - व्यवहार संतोषजनक न पाये जाने पर समिति उस कर्मचारी को विद्यालय द्वारा लागू की गई सभी या कुछ योजनाओं के लाभ से वंचित करेगी . 4. विद्यालय में स्थानांतरित कर्मचारियों के दो वर्ष के निरीक्षण काल के उपरांत ही उन्हे किन योजनाओं का लाभ दिया जावे इस पर समिति अलग से निर्णय लेगी . 5. समस्त विशेष योजनाओं, ऋणयोजनाओं तथा कुछ अन्य योजनाओं का लाभ विद्यालय के उन सभी पूर्व कर्मचारियों को इस विद्यालय मे स्थानांतरण पर देय नहीं होगा (a) जिनके इस विद्यालय से स्थानांतरण संस्था हित में किए गए थे ,तथा (b) जिनका पूर्व में इस विद्यालय में प्रशिक्षु आचार्य के रूप में नियमितिकरण नहीं हो पाया था. विद्यालय में कर्मचारी कल्याण की निम्न तीन प्रकार की योजनाएं होंगी (अ) सामान्य योजनाएं (ब) विशेष योजनाएं (स) ऋण योजनाएं
(अ) सामान्य योजनाएं
इन योजनाओं का लाभ इस विद्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों को समान रूप से बिना किसी भेदभाव (वरिष्ठता आदि) के दिया जावेगा , जब तक की नियमों में अन्यथा न दिया गया हो | 1. वेश आदि कर्मचारियों को वर्ष में दो बार क्रमशः गुरुपूर्णिमा उत्सव पर एवं गोलवलकर जयंती कार्यक्रम पर वेश दिए जावेंगे . यदि किसी कारण कार्यक्रम नहीं मनाये जाते है , तब वेश देय नहीं होगा अन्य ऋतु परिवर्तन पर विद्यालय का कार्य बाधित न हो इस हेतु कर्मचारियों को ठंड में इनर, स्वेटर, मफलर ,विद्यालय कक्ष के लिए जूते - मोजे आदि तथा वर्षा ऋतु में छाता, रेनकोट इत्यादि दिए जावेंगे | 2.अवकाश इस बाबत परिषद द्वारा अनुमोदित सामान्य नियम लागू होंगे. अवकाश कर्मचारी को दी गई एक सुविधा है,न कि उनका अधिकार .अतः उन्हें अत्यावश्यक होने पर तथा पूर्व स्वीकृति पर ही मान्य किया जावेगा 3. परिवार कल्याण योजनाएं कर्मचारी की संस्था के प्रति निष्ठा एवं समर्पण भाव में परोक्षरूप से उनके परिवार का भी बड़ा सहयोग होता हैं ,यह सर्वमान्य तथ्य है . इसे ध्यान में रखकर निम्न पांच योजनाओं को अंगीकार किया जाता है :- (क) छात्रवृत्ति : कर्मचारियों के बच्चों को अध्ययन एवं स्वाध्याय के प्रति अभिरुचि उत्पन्न हो इस हेतु उन सभी शालेय कक्षाओं (कक्षा अरुण से द्वादश तक के बच्चों को वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर प्राप्तांकों के आधार पर प्रतिवर्ष छात्रवृति दी जावेगी, जिससे उनकी अभिरुचि पठन - पाठन में बढ़ सके. कर्मचारियों के बच्चों को प्रोत्साहित करना ही छात्रवृत्ति का वास्तविक लक्ष्य है. छात्रवृत्ति योजना वार्षिक परीक्षा परिणाम 2011 से मान्य की जाती है .छात्रवृत्ति (की राशि शालेय शिक्षा शैक्षणिक स्तर पूर्व प्राथमिक , प्राथमिक , माध्यमिक , हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी के प्राप्तांको के आधार पर तालिका के अनुसार होगी |
शैक्षणिक स्तर |
80% या अधिक |
60% या अधिक |
45% या अधिक |
45% से कम |
हायर सेकेण्डरी कक्षा 11 एवं 12 |
4,000/- |
3,000/- |
2,000/- |
1,000/- |
हाईस्कूल कक्षा 9 एवं 10 |
3000/- |
2,000/- |
1,000/- |
5,00/- |
माध्यमिक कक्षा 6, 7 एवं 8 |
2,000/- |
1,500/- |
1,000/- |
5,00/- |
प्राथमिक कक्षा 3, 4 एवं 5 |
1,500/- |
1,00/- |
7,50/- |
500/- |
प्राथमिक कक्षा 3, 4 एवं 5 |
1,500/- |
1,00/- |
7,50/- |
500/- |
|
|
सरस्वती शिक्षा परिषद द्वारा अनुशंसित कर्मचारी कल्याण की सभी योजनाएं रमझिरिया विद्यालय में प्रारंभ से ही लागू हैं - 1. कर्मचारी भविष्य निधि योजना - कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सागर के नियमानुसार 2. कर्मचारी परिवार पेंशन योजना - कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सागर के नियमानुसार 3. कर्मचारी समूह बीमा योजना - भारतीय जीवन बीमा निगम जबलपुर एवं सरस्वती शिक्षा परिषद् जबलपुर के नियमानुसार 4. ग्रुप ग्रेच्युटी बीमा स्कीम - भारतीय जीवन बीमा निगम जबलपुर एवं सरस्वती शिक्षा परिषद् जबलपुर के नियमानुसार 5 अर्जित अवकाश-नगदीकरण - सरस्वती शिक्षा परिषद जबलपुर के नियमानुसार 6. प्राचार्य,प्रधानाचार्य आवास भत्ता - सरस्वती शिक्षा परिषद जबलपुर के नियमानुसार
|
माधव शिक्षा समिति , संचालक सरस्वती शिशु मंदिर रमझिरिया ,सागर की समिति स्वेच्छा से इस विद्यालय के मूल कर्मचारियों के कल्याण की दृष्टि से नई-नई योजनाएं बनाकर उन्हे लागू करना चाहती है .यहां पर रेखांकित की गई योजनाओं की समीक्षा 10 वर्ष में अथवा आवश्यकतानुसार उसके पूर्व की जावे जिससे कल्याण की योजनाओं का अधिकतम लाभ कार्यरत कर्मचारियों को मिल सके . माधव शिक्षा समिति के सदस्यों, पदाधिकारियों तथा अन्य अधिकारियों एवं उनके घर के बच्चों को इन योजनाओं का लाभ कभी नहीं दिया जावेगा |
|
कर्मचारी कल्याण की योजनाओं का प्रमुख उद्देश्य कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान करना है .जिससे उनमें कर्तव्यनिष्ठा , गुणवत्तापूर्ण शिक्षण तथा संस्था के प्रति समर्पण भाव में विस्तार होगा .
सामान्य नियम
1. अधोलिखित योजनाओं का लाभ केवल विद्यालय में कार्यरत नियमित कर्मचारियों को ही प्राप्त होगा . 2. विद्यालय की आर्थिक स्थिति अनुरूप न होने की स्थिति में इन योजनाओं को स्थगित भी किया जा सकेगा. 3. किसी कर्मचारी के शिक्षकीय कार्य एवं समर्पण भाव में कमी ,अथवा कार्य - व्यवहार संतोषजनक न पाये जाने पर समिति उस कर्मचारी को विद्यालय द्वारा लागू की गई सभी या कुछ योजनाओं के लाभ से वंचित करेगी . 4. विद्यालय में स्थानांतरित कर्मचारियों के दो वर्ष के निरीक्षण काल के उपरांत ही उन्हे किन योजनाओं का लाभ दिया जावे इस पर समिति अलग से निर्णय लेगी . 5. समस्त विशेष योजनाओं, ऋणयोजनाओं तथा कुछ अन्य योजनाओं का लाभ विद्यालय के उन सभी पूर्व कर्मचारियों को इस विद्यालय मे स्थानांतरण पर देय नहीं होगा (a) जिनके इस विद्यालय से स्थानांतरण संस्था हित में किए गए थे ,तथा (b) जिनका पूर्व में इस विद्यालय में प्रशिक्षु आचार्य के रूप में नियमितिकरण नहीं हो पाया था. विद्यालय में कर्मचारी कल्याण की निम्न तीन प्रकार की योजनाएं होंगी (अ) सामान्य योजनाएं (ब) विशेष योजनाएं (स) ऋण योजनाएं
(अ) सामान्य योजनाएं
इन योजनाओं का लाभ इस विद्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों को समान रूप से बिना किसी भेदभाव (वरिष्ठता आदि) के दिया जावेगा , जब तक की नियमों में अन्यथा न दिया गया हो | 1. वेश आदि कर्मचारियों को वर्ष में दो बार क्रमशः गुरुपूर्णिमा उत्सव पर एवं गोलवलकर जयंती कार्यक्रम पर वेश दिए जावेंगे . यदि किसी कारण कार्यक्रम नहीं मनाये जाते है , तब वेश देय नहीं होगा अन्य ऋतु परिवर्तन पर विद्यालय का कार्य बाधित न हो इस हेतु कर्मचारियों को ठंड में इनर, स्वेटर, मफलर ,विद्यालय कक्ष के लिए जूते - मोजे आदि तथा वर्षा ऋतु में छाता, रेनकोट इत्यादि दिए जावेंगे | 2.अवकाश इस बाबत परिषद द्वारा अनुमोदित सामान्य नियम लागू होंगे. अवकाश कर्मचारी को दी गई एक सुविधा है,न कि उनका अधिकार .अतः उन्हें अत्यावश्यक होने पर तथा पूर्व स्वीकृति पर ही मान्य किया जावेगा 3. परिवार कल्याण योजनाएं कर्मचारी की संस्था के प्रति निष्ठा एवं समर्पण भाव में परोक्षरूप से उनके परिवार का भी बड़ा सहयोग होता हैं ,यह सर्वमान्य तथ्य है . इसे ध्यान में रखकर निम्न पांच योजनाओं को अंगीकार किया जाता है :- (क) छात्रवृत्ति : कर्मचारियों के बच्चों को अध्ययन एवं स्वाध्याय के प्रति अभिरुचि उत्पन्न हो इस हेतु उन सभी शालेय कक्षाओं (कक्षा अरुण से द्वादश तक के बच्चों को वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर प्राप्तांकों के आधार पर प्रतिवर्ष छात्रवृति दी जावेगी, जिससे उनकी अभिरुचि पठन - पाठन में बढ़ सके. कर्मचारियों के बच्चों को प्रोत्साहित करना ही छात्रवृत्ति का वास्तविक लक्ष्य है. छात्रवृत्ति योजना वार्षिक परीक्षा परिणाम 2011 से मान्य की जाती है .छात्रवृत्ति (की राशि शालेय शिक्षा शैक्षणिक स्तर पूर्व प्राथमिक , प्राथमिक , माध्यमिक , हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी के प्राप्तांको के आधार पर तालिका के अनुसार होगी |
शैक्षणिक स्तर |
80% या अधिक |
60% या अधिक |
45% या अधिक |
45% से कम |
हायर सेकेण्डरी कक्षा 11 एवं 12 |
4,000/- |
3,000/- |
2,000/- |
1,000/- |
हाईस्कूल कक्षा 9 एवं 10 |
3000/- |
2,000/- |
1,000/- |
5,00/- |
माध्यमिक कक्षा 6, 7 एवं 8 |
2,000/- |
1,500/- |
1,000/- |
5,00/- |
प्राथमिक कक्षा 3, 4 एवं 5 |
1,500/- |
1,00/- |
7,50/- |
500/- |
प्राथमिक कक्षा 3, 4 एवं 5 |
1,500/- |
1,00/- |
7,50/- |
500/- |
|